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राजकुमार - The Prince

राजकुमार - The Prince

दोस्तों आज मैं बहुत खुश हूँ। जानते हैं जानते हैं क्यों?

चलो मैं ही बता देता हूँ,  आज मेरे घर एक नया और नन्हा मेहमान आया है। उसका नाम केशव रखा गया है। मेरा नन्हा राजकुमार जिसका जन्म नवम्बर 1, 2015 को शाम के 5 बजकर 26 मिन्ट्स पर हुआ है। 

मेरे घर में खुशियाँ बरस रही है और सारे बहुत खुश हैं। आज मेरे पास लिखने लिए कुछ ख़ास नहीं है।  मैं तो बस यह खुश ख़बरी आप सब के साथ शेयर करना चाहता था।  

अब अलविदा कहने का समय आ गया है।  फिर आऊंगा कुछ और खट्टी और कुछ मीठी अच्छी और सच्ची कहानिओं के साथ। 

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रौशनी - The Light

दोस्तो, आज मैं आपको एक अपनी लिखी हुई कविता से रूबरू करवाता हूँ।  यह कविता मेने साल नवम्बर 14, 2000 में लिखी थी।  उस दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म दिन था और संयोगवश दिपावली भी उस दिन थी। और उस रात मैं अपने घर की छत पर बैठ कर जगमगाती रौशनी का लुत्फ़ उठा रहा था कि  मेरा मन कुछ उदास था उसदिन। अचानक मुझे यह कविता सूझी।   मेरी कविता का शीर्षक है " रौशनी " जग मग - जग मग जुगनू  जैसी।  चाँद की हो रौशनी।। रंग - बिरंगे फूलोँ जैसी। तारों की हो रौशनी।। मन को भाए - सब  को भाए।  किन दीपों की हो रौशनी।। कभी तो हसाए - कभी तो रुलाए।  जाने कैसी हो तुम रौशनी ।। अगर आप को यह कविता अच्छी लगी तो कृपया अपने विचार लिखें। 

ज़िन्दगी की विदाई - Departure of Life

ज़िन्दगी की विदाई - सुनने में तो साधारण सा वाक्य लगता है।  पर ज़रा ग़ौर से पढ़िए और सोचिए, इस लाइन के मायने  ही बदल जायेंगे।  क्या कभी आपने ज़िन्दगी को अलविदा कहा है ? अगर हाँ, तो बताइए कि आपको उस वख़्त  कैसा महसूस हुआ ? ज़िन्दगी की विदाई उस वख़्त हो जाती है जब किसी के दिल में किसी के लिए हमदर्दी, करुणा, प्यार और दया का भाव ख़त्म हो जाता है। और सच बात ये है कि आज कल हर कोई सिर्फ आप के बारे में ही सोचता है।  हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी हर ख्वाहिश पूरी होनी चाहिए। दूसरों को इससे क्या नुक्सान होगा, इसकी किसे परवाह।  ऐसे लोगों में मैं भी आता हूँ और शायद आप सब भी।  क्या मैं कोई ग़लत  कह रहा हूँ ? असल मायने में तो ज़िन्दगी की विदाई हो चुकी है और हम सबको इसे बस अलविदा ही कहना है।  मैं तो ज़िन्दगी को अलविदा कह चुका अब देखना ये है की ज़िन्दगी मुझे कब अलविदा कहती है या मेरी ज़िन्दगी की विदाई कब है।  दोस्तो, ज़िन्दगी को ले कर ये है मेरी सोच, और आपकी सोच क्या है? क्या आप भी ज़िन्दगी को मेरे नज़रिए से ही देखते हैं ? आप अपने विचार दे सकते हैं।  महेन्दर पॉल वर्मा  एडमिन  रियल हिंदी स्टोर

नन्ही परी - Little Fairy

दोस्तो, क्या आपने किसी परी से मुलाकात की है ?  अगर आपका जवाब ना है तो कोई बात नहीं, मैं आपको एक नन्ही पारी के बारे में बताता हूँ।  घबराइये नहीं, ये एक छोटी सी पर मीठी सी याद है जो मैं आपके साथ शेयर कर रहा हूँ। जब से ये नन्ही परी मेरी जिन्दगी में आई है, तब से में अपने आप को परमात्मा का प्रशाद समझने लगा हूँ।  जबकि पहले मैं कभी इतना खुशकिस्मत नहीं था। मैंने उसके लिए कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं, ज़रा ग़ोर फरमाये। एक कली सी कोमल लड़की, काँटों और फूलों से डरती। *** बोलने से वो कभी ना डरती, छुप - छुप कर आहें थी भरती। *** नाम था उसका सीधा - साधा, सूरत में थी बिलकुल राधा। *** जब से मेने उसे पाया है, मैं इस संसार का सबसे खुशनसीब व्यक्ति बन गया हूँ।  दिन भर बस यही  सोचता और कहता हूँ :- मेरा दिन - मेरी रात भी नन्ही परी।  मेरा दिल - मेरी जान भी नन्ही पारी। मेरी गरिमा है मेरा गरूर।  मेरा अरमान भी है नन्ही परी। मेरी दुनिआ - मेरा जहां भी नन्ही परी। मेरी नन्ही परी ही मेरी बेटी और बेटा  है। मेरे लिए तो मेरी नन्ही परी ही  सब कुछ है।