अलविदा - एक दुखी करने वाली पर सच्ची कहानी है।
आप सब लोगों से निवेदन है कि यदि कोई भी व्यक्ति छोटे दिल वाला है या ज्यादा भावुक है, कृप्या इस कहानी को ना पढ़े।
क्या आप ने बाग़बान फ़िल्म देखी है?
बस यह कहानी उससे 10 कदम और आगे है और ज्यादा दुखी करने वाली है। क्योंकि उसमें तो सिर्फ चारों बेटे और बहुएं ही नालायक निकलते हैं, पर इस कहानी में पूरा का पूरा परिवार और आस पास के लोग भी सेल्फिश हैं।
साड़ी कहानी सिर्फ पैसे के इर्द -गिर्द ही घूमती रहती है और इस सब में बेचारा एक व्यक्ति पिस्ता रहता है। कोई उसके बारे में नहीं सोचता बल्कि उसके किये अच्छे काम भी उनको नहीं दिखते।
मैं आप से कुछ प्रश्न करना चाहता हूँ और अगर आप लोग इनका जवाब दे सकते है तो आपकी बड़ी कृपा होगी और मेरा कुछ दर्द भी कम हो जायेगा।
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