क्या आप को पता है की ज़िन्दगी का अंत कब होता है ?
आप लोग सोच रहे होंगे कि ये कैसा प्रश्न है जिसका सीधा सा उत्तर है।
पर आप ग़लत सोच रहें हैं।
क्योंकि मरना ही ज़िन्दगी का अंत नहीं होता।
मरने से पहले भी लोग हर दिन मरते है पर असल मायने में मरना तो वो है जो किसी को मरने के बाद भी याद किया जाए।
ज़िन्दगी बहुत छोटी है पर आप उसको बड़ा कर सकते हैं।
कैसे ?
यह बहुत आसान है, बस आप को कुछ बातों का ख्याल रखना होगा।
- हमेशा परमात्मा को याद रखो।
- परमात्मा है, इसलिए हम हैं।
- हमेशा मुस्कुराते रहो।
- कभी कटु वचन मत बोलो।
- हमेशा दूसरों की मदत के लिए आगे आओ।
- हमेश अच्छी बाते करो और उन बातों को ही अपने ज़हम में रखो।
- कभी दूसरों की बुराई मत करो।
- दूसरो की ग़लतियों को नज़र अंदाज़ करो।
- कोई छोटा या बड़ा नहीं होता और सबकी इज़्ज़त करो।
अगर आप ये सब बातें हमेश याद रखते हो तो आप हमेशा लोगो के दिलों में रहेंगे और ज़िन्दगी के अंत के बाद भी ज़िंदा रहेंगे। अब बात करते हैं कि ज़िन्दगी का अंत कब होता है ?
आप और हम सब खुशनसीब हैं जो हमारे पास परमात्मा का दिया सब कुछ है। पर क्या आप जानते हैं कि बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो कि एक वख़्त के खाने के लिए तरसते हैं?
आप अगर हमेशा सिर्फ अपने बारे में ही सोचते हैं तो समझ लीजिये अंत हो चूका है।
अगर आप चाहते हैं कि ज़िन्दगी यूँ ही चलती रहे तो जैसे व्योवहार की आप अपने लिए इच्छा करते हैं, वैसा व्योव्हार आप दूसरों के साथ कीजिये।
ऊपर लिखे हुई 9 पंक्तियाँ हमेशा याद रखें। यकीन माने आप की ज़िन्दगी का अंत नहीं होगा और आप मरने के बाद भी लोगो के दिलों में ज़िंदा रहेंगे।
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