दोस्तो, क्या आपने किसी परी से मुलाकात की है ?
अगर आपका जवाब ना है तो कोई बात नहीं, मैं आपको एक नन्ही पारी के बारे में बताता हूँ।
घबराइये नहीं, ये एक छोटी सी पर मीठी सी याद है जो मैं आपके साथ शेयर कर रहा हूँ।
जब से ये नन्ही परी मेरी जिन्दगी में आई है, तब से में अपने आप को परमात्मा का प्रशाद समझने लगा हूँ। जबकि पहले मैं कभी इतना खुशकिस्मत नहीं था।
मैंने उसके लिए कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं, ज़रा ग़ोर फरमाये।
एक कली सी कोमल लड़की,
काँटों और फूलों से डरती।
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बोलने से वो कभी ना डरती,
छुप - छुप कर आहें थी भरती।
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नाम था उसका सीधा - साधा,
सूरत में थी बिलकुल राधा।
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जब से मेने उसे पाया है, मैं इस संसार का सबसे खुशनसीब व्यक्ति बन गया हूँ। दिन भर बस यही सोचता और कहता हूँ :-
मेरा दिन - मेरी रात भी नन्ही परी।
मेरा दिल - मेरी जान भी नन्ही पारी।
मेरी गरिमा है मेरा गरूर।
मेरा अरमान भी है नन्ही परी।
मेरा अरमान भी है नन्ही परी।
मेरी दुनिआ - मेरा जहां भी नन्ही परी।
मेरी नन्ही परी ही मेरी बेटी और बेटा है। मेरे लिए तो मेरी नन्ही परी ही सब कुछ है।
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