परफैक्ट रिश्ता - सुनने में तो अच्छा लगता है पर क्या सच में कोई रिश्ता परफैक्ट हो सकता है? इस सवाल का जवाब मैं आप पर छोड़ता हूँ।
पर मेरे ख़याल में कोई रिश्ता कभी परफैक्ट नहीं हो सकता क्योंकि हर रिश्ते के दो पहलू होते हैं।
- एक अच्छा - A good side of Relation
- एक बुरा - A bad side of Relation
बुरे पहलू में लोग सच बोलते हैं, लोगो की झूठी तारीफ़ नहीं करते और उनकी ज़िन्दगी की किताब एकदम पारदर्शी होती है। पर ऐसे लोग किसी को पसंद नहीं आते।
जो लोग बुरे पहलू में आते हैं, उनका रिश्ता कभी परफैक्ट नहीं होता जबकि होना इसके विपरीत चाहिए। क्योंकि सच बोलना ही ज़िन्दगी है।
मैं तो बुरे पहलू में ही आता हूँ इसलिए कभी किसीको पसंद नहीं आया, ना ही कभी मेरा कोई काम किसी को अच्छा लगा। और तो और मेरी पत्नी और उसके घरवाले भी मुझे पसंद नहीं करते। उनके लिए तो सिर्फ पैसा, रुतबा ही सब कुछ है, चाहे वो किसी को झूठ बोल कर ही हासिल किया हो।
पर मैं अपनी ज़िन्दगी से खुश हूँ। मुझे अब किसी से कोई शिकायत ही नहीं है और न ही मैं किसी को अपने ज़ख़्म दिखल सकता हूँ।
दोस्तों ये तो है मेरी कहानी मेरी ज़ुबानी।
आप अपने सुझाव कमेंट कर सकते है
पर मैं अपनी ज़िन्दगी से खुश हूँ। मुझे अब किसी से कोई शिकायत ही नहीं है और न ही मैं किसी को अपने ज़ख़्म दिखल सकता हूँ।
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